देवर का शाब्दिक अर्थ 'द्वितीय वर होता है'।
➡️ यदि पति की आकस्मिक मौत हो जाती ,या पति अपने पतित्व धर्म का पालन करने में अथवा अपनी पत्नी की रक्षा करने में असमर्थ होता तो उसकी पत्नी का विवाह पति के छोटे भाई के साथ हो सकता था।
➡️उदाहरण स्वरूप : ऐसी ही एक परिस्थिति में चन्द्र गुप्त विक्रमादित्य की शादी उनके नलायक बड़े भाई रामगुप्त की पत्नी के साथ पुरोहितों ने सम्पन किया था।
हुआ यूं था कि; रामगुप्त गुप्त; गुप्त साम्राज्य का परं नलायक राजा था । समुद्र गुप्त का बड़ा बेटा होने पर भी उसमें पिता वाले गुण नहीं आये थे।
समुद्र गुप्त विक्रमादित्य को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे, लेकिन उनके बाद चाटुकारों की मदद से ज्येष्ठ पुत्र होने के नाते वह राजा बन गया।
जब शक उसके राज्य पर आक्रमण करने वाले थे तो वह डरकर उनसे अपनी पत्नी देने की एवज में संधि कर लिया।
तब चन्द्र गुप्त विक्रमादित्य ने स्त्री रूप (भाभी का रूप) धरकर शकों के साथ युद्ध करके अपने भाई की पत्नी तथा अपने साम्राज्य की रक्षा की थी।
➡️चूंकि उन्होंने शक राज को हराया था अतः उन्हें 'शकारि' की उपाधि प्राप्त हुई। उनका आदित्य ( रोशनी अथवा ख्याति ) विक्रम की भांति चारों तंरफ फैला हुआ था अतः उनको 'विक्रमादित्य' की भी उपाधि प्राप्त हुआ था।
शको को पराजित करने के पश्चात् जब वे वापस आए तो लोगों ने रामगुप्त को सत्ताच्युत कर दिया तथा उनको राजा बनाया ।
चूंकि राम गुप्त ने अपनी पत्नी की रक्षा न कर 'पत्नी दान' के एवज में शर्मनाक संधि की थी , अतः मंत्रिगण तथा पुरोहितों ने उसकी पत्नी को उससे छीनकर उसका पूनर्विवाह चन्द्र गुप्त विक्रमादित्य से कर दिया।
➡️ इस विवाह में यह बात ज़रूर उठी थी कि बड़े भाई की पत्नी से विवाह करना क्या शास्त्र सम्मत होगा ? तब राजपुरोहित तथा अन्य विद्वानों ने इसे शास्त्र सम्मत माना था और बताया था कि देवर का अर्थ 'द्वितीय व'र होता है। विपरीत परिस्थितियों में देवर के साथ विवाह संभव हो सकता है
English:-
The literal meaning of Devar is 'second groom'.
If the husband died suddenly, or the husband was unable to follow his patriarchy or protect his wife, then his wife could be married to the husband's younger brother.
For example: In one such situation, the marriage of Chandragupta Vikramaditya was completed by the priests with the wife of his incompetent elder brother Ramgupta.
It happened like this; Ramgupta Gupta; Param Nalayak was the king of the Gupta Empire. Despite being the eldest son of Samudra Gupta, he did not have the qualities of a father.
Samudra Gupta wanted to make Vikramaditya his successor, but after being the eldest son with the help of sycophants, he became the king.
When the Sakas were about to attack his kingdom, he was afraid and made a treaty with them in return for giving his wife.
Then Chandra Gupta Vikramaditya took the form of a woman (in the form of sister-in-law) and fought with the Shakas and protected his brother's wife and his empire.
Since he had defeated Shaka Raj, he got the title of 'Shakari'. His Aditya (light or fame) was spread on all four sides like Vikram, hence he also got the title of 'Vikramaditya'.
When he came back after defeating Shako, the people removed Ramgupta and made him the king.
Since Ram Gupta did not protect his wife and made a shameful treaty in return for 'wife charity', the ministers and priests snatched his wife from her and remarried her to Chandra Gupta Vikramaditya.
In this marriage, the matter had definitely arisen that would it be scriptural to marry the wife of an elder brother? Then Rajpurohit and other scholars considered it to be scriptural and told that the meaning of Devar is 'Second Var'. Marriage with brother-in-law can be possible in adverse circumstances.
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