(01)
सरी जिनगी आंखी म एकठन सपना रहिगे,
कतको बछर बितगे फेर ओ बेरा के सुरता रहिगे।
कोनजनी कईसननता रहिस ओखर अउ मोर,
जम्मो मनखे भुलागे,
भईगे ओखरेच चेहरा के सुरता रहिगे।।
(02)
मोला तय दगा देके
मोर दिल ल काबर दुखाय,
तोर सुरता रहि-रहि के आथे
तही मोर अंतस म समाय।।
(03)
अपन मन के बात ल अपन मयारू ल बताय ल लगथे,
कभू-कभू मया म खिसीयाय ल लगथे।
कभू तो मेसेज कर दे कर संगवारी,
एकरो बर तोला जोजियाय ल लगथे।।
(04)
आंखी म आंखी झन मिलाबे ओ,
तोर नीन्द चुरा लेहू।
एक बार मोर से मया करके तो देख,
तोर डउका ल घलो छोड़ा देहू।।
(05)
कतका सुघ्घर होही ओ दिन,
जेन दिन भेंट तोर ले पहिली होही।
मोर मयारू मोर बर ओ दिन,
जईसे तिहार हरेली होही।।
You might Also like this Poster
(06)
गोबर कस मुलायम बाल
अउ छेना कस तोर गाल हे
तोर होंठ के लिबिस्टिक रानी
सरहा पताल कस लाल हे
अरे हरही गाय कस रेंगना
पातर कनिहा के तोर चाल हे
मया थोकन करले कइथव ओ
फेर बिलई गतर के................
घोड़ी कस तोर झार हे........।।
(07)
कईसे वो मयारू.......
अपन हाँथ म मेंहदी लगात हस
तै तो खुदेच फुल बरोबर हस
ओमा पत्ता के रंग चढ़ात हस
YOUTUBE SUBSCRIBE ME
(08)
कतका मजबूर हव मे हा
ऐ किस्मत के आघू म
न तोला पाए के औकात हे
न तोला खोय के ताकत हे मोर म
(09)
*पहिली नजर*
पहिली बेखत म तैंय मिलेस
गोठ बात चिंन पहिचान होईस
नी जानत रेहेन एक दुसर ल
मोला हरेक खुशी मिलिस!
सपना तोर देखवं दिन रात
तभे मया के अहिसास होईस
लागे रिहिस तोर बर मया
जिंवरा मोर धड़ धड़ धड़किस!
जिनगी म हमसफर बर
साल भर ले अगोरा रिहिस
दुनिया म जिनगी चलाय बर
पिरित के मोला मयारु मिलिस!!
*✍मयारुक छत्तीसगढ़िया*
(10)
हिम्मत नइ होवत हे हांसे के आज मोला ,
रहि रहि के रोवावत हे ओकर सुरता आज मोला ,
सुमिरत हव रहि रहि के मेहा आज ओला ,
गुनत हव रहि रहि के मेहा आज ओला ,
तरसत हवय कान तको सुने बर गोठ ओकर,
मया मा बइहा हो जहु तइसे लागत हे आज मोला
!! मया ! मया ! भारी मया !!
आना तै मोर मयारू
(11)
"बासी म ब्रम्हा बसे ,
...
अऊ भात में भगवान ,
...
साग म सरस्वती बसे ,
...
चटनी म चारो धाम ।
अब बता भाई..
इहां मैगी के का काम..."
😀😝जय छत्तीसगढ़😝😀
(18)
एक राउत गाय दुहने गया,
तो गाय ने दूध नही दिया,
तो उसने इस स्थिति पर एक एक शायरी बोला-
"लिखते हैं खून से,
स्याही न समझना,
आज बछरू ने पी दिया है,
बरवाही न समझना।"😂😂😂😂
(19)
सेवा करेले सियान के,करम सुघ्घर हो जाथे..
मुड़ म परे इंखर हांथ ले,जिनगी सुघ्घर हो पाथे..
बइठे रइथे, राखत रइथे, लइका मन ल कुलकावत रइथे..
घर म रेहले सियान के,घर सुघ्घर सरग हो जाथे..!!
जय जोहार..जय सियान..
(20)
जादा दिल झन लगा संगी
हवा भी अपन रुख मोड़ देथे ।
जेन ल करबे मया अपन समझके
उही मजधार म एक दिन छोड़ देथे ।
😢😢😢😢😢😢😢
(21)
महतारी के मया ल प्रणाम..
एखर कोरा ह लागे सरग कस धाम..
करजा एखर मया के नई उतरय जनम भर..
एखर सेवा करले रे मनखे,पुरा हो जही तोर तीरथ धाम..!
!! जय महतारी !!
(22)
तोला अपन मन मंदिर में बैठा के रखहु .
मया पिरित के डोरी म फसा के रखहु ..
तै मोला झन भुलाबे मोर मयारू सँगवारी...
जिनगी भर तोला अपन हिरदे म बसा के रखहु ....
(23)
झाकत हावय सब एति-ओति..
अपन भीतरी मा झाकय कोन.!
खोजत हावय जग मा मनखे..
अपन भीतरी ताकय कोन..!
सबके भीतरी पिरा हावय..
ओला अब गुर्रावय कोन..!
सुधरय ए जग सब चिल्लाथे..
खुदेच ल आज सुधारय कोन..!
हम सुधरबो त सब सुधरहि..
अइसन गोठ अब सोचय कोन..!
(24)
छत्तीसगढ़ के कन्हार माटी
पिवरा रंग मटासी हे
गुणमटीया मोटा चाऊर
जेमा मिठाथे बासी हे
साग म जैसे जिमी कान्दा
अमसुरहा कड़ही हे
अइसे हमर महतारी
जेखर बोली छत्तीसगढ़ी हे
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
तोर चरण म माथ नवावव
जनम जनम म अचरा के
मया ल मैं लमावव ............
जय हो जय हो मोर छत्तीसगढ़हिन दाई ...
(25)
सपना
***********
कुहू कुहू कोयल ह , बगीचा में बोलत हे
रहि रहि के मोरो मन, पाना कस डोलत हे
जोहत हाबों रसता , आही कहिके तोला
तोर बिना सुन्ना लागे , गली खोर मोला
अन्न पानी सुहाये नही , तोर सुरता के मारे
सुध मोर भुला जाथे , ते का मोहनी डारे
सपना में आके तेंहा , मोला काबर जगाथस
आंखी ह खुलथे त , काबर भाग जाथस ।
आना मयारू तेहा , तोर संग गोठियाबो
हिरदय के बात ल , दूनो कोई बताबो ।
(26)
छत्तीसगढ़ के लड़के को दिल्ली की एक दुबली पतली लड़की से फ्रेंड्सिप हो गई
लड़की ने प्रपोज किया I love you ❤
और
लड़के प्रपोज करने के लिए कहा लड़की से कहा
चेहरा भी तोर खास नई हे
हड्डी में भी तोर मांस नई हे
प्रपोज तोला का करव बही
तोर तो वेलेंटाइन डे तक जिएं के घलो आस नई हे
(27)
सबो बने ता बात बने हे ,
जिंनगी के हर सांस बने हे !
बिपत मा वो रोवैईया पुछ ,
का अंजोरी का रात बने हे !
अंतस के आंसु दिखैय नहीं ,
सलगत डोरी सांप बने हे !
धुर्रा फुतका लागय चंदन ,
सबो जिनीस के राख बने हे !
गिर के उठबे तब तैय जानबे ,
ऐ दुनिया कतेक महान बने हे !!
(28)
सपना आथे आधा रात के
मुसड़िया ल मैं हँ पोटारत रहिथँव
गाना गाके ये मोर मयारू
सपना म तोला सुनावत रहिथँव !
(29)
तोर मया के डोर मा बंधाए हव मेहा,
तोर मैना कस बोलि मा मोहाए हव मेहा,
कुलकत रइबे ,अइसनेच सुघ्घर हासत रइबे,
तोर बोली सुघ्घर हासि ल देक देक के जियत हव मेहा !
(30)
एक झन टुरी हे
नादान हे
जवान घलो हे
नासमझ भी हवे,
ओला कईसे पटाये जाए,
समझ नई आए,
टुरी ल पटावं कईसे,
अपन दिल के बात ल बंताव कईसे,
नादान लगथे टुरी अपन ददा ला बता दिही,
अब वो टुरी के चक्कर मे मार खांव कईसे
(31)
मोला तोर सुरता बढ़ आथे,
तोला सुरता मोर नइ सतावय का,
तोर बिन मोला काहिं नइ सुहावय,
तोर दिन अउ जूवार बने पहा जथे का,
उदिम करत रइथव मेहा सुतेबर कतकोन,
तोला रतिहा मा निनदिया बने आजथे का ,
तोर फोटु ल देखत निट-निट भूखे लांघन हव,
तोला वो मयारु भात-बासि सुहा जथे का !!
(32)
मोर मया ला भुला के टुरी,
दुसर संग आथे जाथे,
जे छत्रपाल से दुनिया जलथे,
वो छत्रपाल ल जलाथे,
एक दिन तोरो दिल छत्रपाल के ऊपर आही,
वो दिन छत्रपाल तोला जी भर के रूलाही।
😷😷😷😷😷
चुप रहिबे कुछु जन कहीबे, निहिता दुनिया जान डरही; तोला संजय से प्यांर होंगे हे।।।
(33)
अइसन तै हिरदय मा समाबे जानत नइ रेहेव,
अतका तै हिरदय ला तरसाबे जानत नइ रेहव,
सोचेव..दुरियाहु तोर ले त तोर सुरता नइ आहि,
फेर..
दुरियाह के तोर ले तोर सुरता ,अउ बिकट आहि जानत नइ रेहेव !
(34)
तिर मा तो आ हिरदय के गोठ सुनाहु तोला ,
कइसे धरकत हे एहा अवाज सुनाहु तोला,
आके तिहि देख ले हिरदय मा तोरेच नाव लिखाए हे ,
कहु कहिबे तेहां अभि त हिरदय ल चिर देखाहु तोला !
(35)
हिरदय के गोठ अब मुहु मा आवत हे,
तोर ले का मिलेव मोर जिनगि मुसकावत हे,
.
कोनजनि ए मया हरय के मेहा मया मा बइहा होगे हव ,
सबो के चेहरा मा मोला, तोरेच चेहरा दिखत हे !
(36)
मया मा मेहा उहि करेव,फुल ह जेन बसंत मा करथे,
कलेचूप खिलथे, महाकथे,अउ तहान गवा जथे !
मयारु के सुरता मा मेहा उहि करेव , मजूर ह जेन पहिली बरसा मा करथे,
नाचथे ,रोथे, तहान झुनकुर मा लुका जथे !!
(37)
बिहनिया मोर संगि मन के सुघ्घर हो जावय,
दुख-पिरा के जम्मो गोठ जुन्ना हो जावय,
टुकना भर-भर हासि देवय ए बिहनिया हा,
के खुसी मन तको मोर संगि मन के मितान हो जावय !!
(38)
सुने हँव तोर जबान म
आज कल मोर जिकर रहिथे,
तोला मया नई हे मोर से,
त काबर अतेक फिकर रहिथे।।।।।
(39)
कब तक पर के मड़वा नाचबो
कब तक लाड़ु रोटी ला झड़बो
पर के झगरा म कब तक परबो
भइगे संगी अब हमु बिहाव करबो
(40)
तोर ले मिले बिन मोर मन रेहे नइ सकय,
हिरदय तरसत रइथे,
तोर गोठ ल भुले नइ सकय,
जिनगि जिए नइ सकत हव,
सांस छुटे बरोबर लागथे,
मुहु ल मोर तोपत मयारु किहिस
तोर बिन मोरो सांस चले नइ सकय
(41)
बिहनिया ले कुकरा बिकट नरियावत हे,
होगे बिहान कइके जम्मो ल सोरियावत हे,
कहात हे उठव,जागव, नहाखोर के बासि खालव,
नइते महतारी बेसरम काड़ी धरके कुरिया डहार आवत हे!!
बिहनिया के जय जोहार संगी मन ल...
You might Also like this Poster
(42)
किसमत ले सब ल अपन,रिस काबर रइथे,
जेन नइ मिल सकय,ओकरे ले मया काबर रइथे,
कतकोन दगाबाजी मिलिस,ए मया के रद्दा मा,
तभो ले आंखि ह ओकरेच रद्दा काबर देखत रइथे !!
(43)
मया वाली तै होबे वो संगी, त करले न मोर सँग करार,
संझाती के बेरा मोर मन के मिलौनी तै आजाबे नंदिया कछार !
आमा के पेड़ म , बोले का मैना या..2
नींद बइरी नईतो आवय, निहारे नैना या..2
(44)
महूं ह कतेक मजबूर हंव।
मितवा तोरले गजब दूर हंव।
बिछड के जहुरिया तोर ले
फुटहा दरपन सही चुर चुर हंव।
(45)
बिनती ला मोर मानीस नइ
मजबुरी ला मोर जानीस नइ
कहत रहिस मर जाहू तभो तोला नइ भूला पाहू
मोर जीयत मा तको जोन मोला पहचानीस नइ
(46)
"तुतरू" बजाए बर सिखे रेहेव,
ओला मेहा पटाहु कइके..
आज मोर तिरन बुलावा आए हे ओकर
"बिहाव"मा बजाबे कइके !!
NHK BIBHU ff vijay46
जवाब देंहटाएंBane lagis
जवाब देंहटाएंHello
Wellcome to my website
Please daily visit now