विवाह के सात वचन
1. तीर्थ, व्रत, उद्यापन, यज्ञ, दान आदि सभी कार्य मेरे साथ करने का वचन डो तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आउंगी अर्थात पत्नी बनूंगी।
2. यदि तुम हविष्यान्न देकर देवताओं की और हव्य देकर पितरों की पूजा करोगे तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आउंगी।
3. यदि तुम परिवार की रक्षा और पशुओं का पालन करोगे तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आउंगी।
4. यदि तुम आय-व्यय और धान्य को भरकर गृहस्थी को संभालो तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आउंगी।
5. यदि तुम देवालय, बाग, कूप, बावड़ी आदि बनाकर पूजा करो तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आउंगी।
6. यदि तुम अपने नगर में अथवा किसी और शहर में जाकर वाणिज्य व्यवसाय करो तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आउंगी।
7. यदि तुम किसी पराई स्त्री को स्पर्श न करो तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आउंगी।
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