बरफ ह पानी में काबर तैरत रहिथे? काबर नई डूबे। बर्फ पानी में क्यो तैरता है वह डूबता क्यों नहीं।
आवाव जानबोन कि बरफ ह पानी में काबर तैरत रहिथे? काबर नई डूबे। आप मन देखें हो हो कि जब भी कोनों भी पानी में बरफ के टुकड़ा डालते हैं तो ओ हा डूबे नहीं। ओ हा तैरने लग जाता है। फेर ओ हा ठोस रहीथे। अब तक आप मन देखते आ रहे है कि ज्यादातर ठोस पदार्थ पानी में डूब जाथे।
आप मन ला बता दें कि बरफ़ ही एक मात्र ठोस पदार्थ है जेन हा अपन हि तरल पदार्थ म तैरता है। फेर ठोस लोहा पिघले हुए लोहा म डूब जाथे ठोस एल्यूमिनियम तरल एल्यूमिनियम में डूब जाथे। त ऐखर पीछे का कारण हे।
कोनों भी वस्तु जाईसे बरफ लोहा पानी में तैरेगी कि नहीं एला ओखर घनत्व पर निर्भर करता हे। आऊ ए हा ऐक वैज्ञानिक कारण हरे। जे ला आर्किमिडीज ने अपन सिद्धांत में बताए हे। आर्किमिडीज के सिद्धांत कहते है कि जब भी कोनों ठोस वस्तु पानी में डाले जाथे त ओखर गुरुत्वाकर्षण के कारण ऊपर ले एक बल लगता हे। जेखर कारण बरफ पानी के निचले सतह तक जाएं के परयास करथे। आऊ वस्तु के वजन उसके द्वारा हटाए गए पानी के वजन से ज्यादा है तो वह वस्तु डूब जाएगी ।
बरफ ह पानी में काबर तैरत रहिथे बर्फ पानी में क्यो तैरता है
बरफ के टुकड़ा पानी में ए कारण तैरता है काबर ओखर वजन पानी से कम होथे। एला सरल भाषा में जाने आप मन ला ऐक लीटर पानी आऊ ऐक लीटर के आकर में ठोस आईस लेना हे आऊ दुनो के वजन ला चेक करना हे आप मन ला पानी का वजन आईस से जादा मिलेगा। ऐखर ले ए पता चलथेकि बरफ पानी ले हल्का होथे ते कारण ओमां तैरता है।
ए हा आर्किमिडीज के सिद्धांत भी कार्य करता है। काबर कि आईस के वजन ओखर द्वारा हटाए गए पानी के वजन से कम रहिथे।
जब भी को नो तरल पदार्थ ठोस पदार्थ म बदलते हैं तो ओखर आयतन कम हो जाता है। आऊ वह भारी हो जाता है। जाईसे लोहा, एल्यूमिनियम आदि ठोस लोहा पदार्थ हुए लोहे में डूब जाएगी ठोस एल्यूमिनियम तरल एल्यूमिनियम में डूब जाथे। फेर बरफ हि एक आएसा पदार्थ हरे जेन हा अपन हि तरल पदार्थ में डूबता नहि है।
बरफ के वजन पानी से कम काबर (क्यों) होथे
बहुत से लोगन मन के मन मा ए सवाल हो ही कि बरफ के टुकड़ा का वजन पानी से कम काबर (क्यों) होथे काबर कि यह देखा गया है कि ठोस पदार्थ का वजन अपन तरल पदार्थ से अधिक होथे । त ऐखर पीछे आईस की संरचना के अहम भूमिका रहिथे। जब भी कोनों वस्तु अपन तरल अवस्था से ठोस अवस्था में बदलती है तो ओखर अणू बहुत पास जाथे।
जेखर वजह से वह ठोस आऊ भारी हो जाथे, फेर जतका भी ठोस वस्तु रहिथे वह अपनी तरल वस्तु में डूब जाति है। फेर आईस के साथ आईसे नई होवाय।
जब पानी ठंडा हो के ठोस अवस्था में बदल थे त ए स्थिति में हाइड्रोजन आयन ऑक्सीजन आयन को दुर रखे के लिए अपन खास स्थिति बना लेथे जेन मा अणू ज्यादा पास नई आ सके। आऊ बरफ ठोस हो जाथे। फेर ओखर वजन पानी के मुकाबले हमेशा कम रहिथे आऊ ऐसा पानी के साथ ही हो थे।
त अब आप मन जान गए होंगे कि बरफ ह पानी में काबर तैरत रहिथे आईस के तैरने कि वजह ऐखर संरचना हरे। जे हा बाकी ठोस वस्तुओं से अलग होथे। बरफ की संरचना में ऐखर अणू हाइड्रोजन आयन के कारन ज्यादा पास नई आ सकते आईसे म ए हा ठोस होते हुए भी हल्की होती है।
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