जंगल के राम कहानी छत्तीसगढ़ी भाषा म
जंगल हमर सगा संबंधी, जंगल हमर जिनगानी।।
जंगल म रिहिन पुरखा मन, जनम करम जंगल म,
जंगल के फर फूल ल खा के, बढ़ीन ओकर बल म।
जंगल कभू नई मागय कुछू, ओ हर अड़बड दानी।
सुनव सूनव गा भाई मन, जंगल के राम कहानी।।
'जंगल म मंगल ' कहिथे जेन सच हे सोला आना,
जंगल म कहां हे फैक्टरी, कहां उहा करखाना?
ऊहा कहां पर्दुसन राक्षस? ओ नोहै रजधानी।
राम किशन ल जानेन हमन, ईही जंगल के खातिर,
गौतम जी ल गियान मिलिस, जंगल म घर के बाहिर,
जंगल घर ए तपोभूमि ए, करय सदा अगवानी।
सुनव सूनव गा भाई मन, जंगल के राम कहानी।।
बादर कईसन बिन जंगल के बिन बादर का पानी?
बिन पानी का दुनिया दारी, कईसन राजा रानी?
सुनव सूनव गा भाई मन, जंगल के राम कहानी।।
कहानी के परिचय। छत्तीसगढ़ के कई जिला
मन म कटाक़ट जंगल हे। एकर ले हमन ला शुद्ध हवा,पानी आउ जंगलिया फर फूल, जड़ी बूटी, पाना पतुववा मिलथे, जेकर ले हमन ल सुभित्ता होथे।। ईंही बात ल कवि ह अपन कविता म बताए के परयास करे हाव ।।
छत्तीसगढ़ी शब्द। हिंदी शब्द
जिनगानी _ जीवन, जिंदगी
पुरखा। _ पूर्वज
फैक्ट्ररी _ कारखाना
परदूसन _ हवा, पानी
अगवानी। _ स्वागत
तपोभूमि। _ तपस्या करने का स्थान
ए कहानी आप मन ला कईसे लागीस कमेंट कर के बताववा ।।।
🙏🙏🙏 जय जोहार,जय छत्तीसगढ़ महतारी🙏🙏🙏
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